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[ FOR HINDI ADMIN ONLY ]
यह मत सोचना कि मुझे अंग्रेज़ी नहीं आती तो तुम ग़लत हो मैं अंग्रेज़ी मैं हस्तपुष्ट हूँ
आदरणीय महोदय,
श्रीमान फ़्लॉकी महाराज उम्मीद है कि आपका दिन शुभमंगल होगा उम्मीद है आप मज़हर को खुश रख पा रहे होंगे मैंने सुना है कि मज़होर आपसे दिन में ४-४ बार मिलते हैं जिससे आपको थोड़ी सी कमज़ोरी भी महसूस होने लगी है, लेकिन यह सब तो बाद की बात है मैं आपसे बहुत ही भारी मनन से अतः अंतर आत्मा से शमा माँगता हुन आप सभी सस्ते व्यवस्थापक से यह बिनती करना चाहता हूँ की आप मेरा यह प्रस्ताव स्वीकार करें! यह मत सोचना कि मुझे अंग्रेज़ी नहीं आती तो तुम ग़लत हो मैं अंग्रेज़ी मैं हस्तपुष्ट हूँ
आदरणीय महोदय,
मुझे मालूम है मैंने बहुत से उलझलूल कार्य किए हैं और मैंने आपको बहुत ही परेशान किया हैं मैं अपनी इज्जत करता हूँ ऐसा आप मत सोचना क्योंकि मैं आपकी बहुत से भी ज़्यादा इज्जत करता हूँ अपने भूतकाल में बहुत ही घिनौने लोगों को सर्वर से निष्काशित किया है जिसकी वजह से मेरी नज़रों में आपकी इज्जत बहुत ही उम्दा हो चुकी है मैंने अपने जैसा संघटन इस संसार में कहीं नहीं देखा अपने कार्य क्षमता एवं। प्रतिष्ठा और अपने कार्य पर डट्टे रहने का आत्मबल साहस लेके जो अपने बुरे लोगों का सर्वनाश किया है उससे मेरी नज़रों में अपनी बहुत ही उम्दा बहुत ही ऊँची एक अलग ही मिसाल बंचुकी हैं आने वाले युगों-युगार्तरों में याद रखी जाएगी इससी वजह से मैं आज यह साहस कर पाया कि मैं आपसे यह विनती कर सकूँ की यार मुझे अनबेन करदो बहुत दिन होगे अपने मित्रों के साथ क्रीड़ा(खेले) हुए बहुत समय हो गया है!
कृपा करके अपनी दया दृष्टि मुझपे दिखाते हुए मुझे एक दोबारा से आने का आख़िरी अवसर देके देखें अथवा ई न ३ की दुनिया की दुनिया मैं लौटने मौक़ा दीजिए!!
धन्यवाद
आपका परमपूज्य
कोज़ी मार्लेगा